चौक में तवा उलटा रखने से बंद हो जाती है बारिश?

मानसून ने दस्तक दे दी है, हालांकि रिमझिम का दौर अभी शुरू नहीं हुआ है। उम्मीद है, जल्द ही झमाझम बारिश होने लगेगी। मौसम विभाग तो सेटेलाइट के माध्यम से पता लगाता है कि कहां कितनी बारिश होने की संभावना है और वह ज्यादा बारिश होने की चेतावनी भी देता रहता है, मगर पुराने जमाने … Read more

अखबार के दफ्तर को छूकर बन गया खबरनवीस!

पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहलाती है। यह सरकार व आमजन के बीच सेतु का काम करती हैं। न केवल जमीनी हकीकत से सत्ता को रूबरू कराती है, अपितु उसे आइना दिखाने का भी काम करती है। ऐसे में इसने एक शक्ति केन्द्र का रूप अख्तियार कर लिया है। पत्रकार को प्रशासन व सोसायटी में … Read more

लानत है हम पर…

लानत है हम पर कि तकरीबन ढ़ाई माह तक लॉक डाउन की पीड़ा भुगतने के बाद भी हमें सुधारने के लिए सरकार को मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना का जागरूकता अभियान चलाना पड़ रहा है। असल में लॉक डाउन एक मजबूरी थी, जिसने काफी हद तक कोरोना महामारी को रोकने की कोशिश की। रोका … Read more

मोरारी बापू कितने सही, कितने गलत?

सुप्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू इन दिनों खासे विवाद में हैं। उन पर भद्दी-भद्दी गालियां बरस रही हैं। अन्य धर्मों के प्रति उनकी सदाशयता तो बहस का विषय है ही, विशेष रूप से भगवान श्रीकृष्ण को लेकर दिया गया बयान उनकी मुसीबत बन गया है। हालांकि उन्होंने अपने बयान के लिए बाकायदा खेद व्यक्त कर … Read more

पृथ्वीराज चौहान को अश्वत्थामा ने दी थी शब्दभेदी बाण की विद्या?

भारत के अन्तिम हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान (तृतीय), जिनका कि अजमेर की तारागढ़ पहाड़ी पर स्मारक बना हुआ है, के देहांत के साथ शब्द भेदी बाण का जिक्र आवश्यक रूप से आता है। उन्हें शब्द भेदी बाण चलाना किसने सिखाया या यह विद्या वरदान में दी, इसको लेकर इंटरनेट पर अलग-अलग तरीके से जानकारी पसरी … Read more

हां, पिज्जा खाने से रुकी किरपा आ जाती है

निर्मल बाबा की मूल थ्योरी बिलकुल ठीक है अतृप्त इच्छा व अधूरे संकल्प पैदा करते हैं संकट आपको याद होगा कि जीवन की परेशानियों के निराकरण के लिए अजीबो-गरीब उपाय बताने वाले निर्मल बाबा खुद परेशानी में पड़ गए थे। न केवल उनकी तीव्र आलोचना हुई, अपितु उनका मखौल भी खूब उड़ा। यहां तक कि … Read more

जाते हुए को पीछे से आवाज क्यों नहीं दी जाती?

हम सब जानते हैं कि जब भी कोई किसी काम से रवाना होता है तो जाते समय उसको पीछे से आवाज नहीं दिया करते। इसे अपशकुन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पीछे से आवाज देने पर उस कार्य के संपन्न होने में संशय उत्पन्न हो जाता है, जिसके लिए वह निकला है। इसके … Read more

कोराना ईश्वर का ही एक रूप है!

कोरोना को साष्टांग प्रणाम। हे भगवान, या खुदा, यह वायरस कितना शक्तिशाली है। इसने आपके सारे धर्म स्थलों, सभी उपासना स्थलों को बंद कर दिया है। लोग पूजा, आराधना, प्रार्थना, अरदास से वंचित हैं। मस्जिदों में सामूहिक नमाज से महरूम हैं। इसने दुनिया की सारी सत्ताओं को हिला कर रख दिया है। बड़ी से बड़ी … Read more

लॉक डाउन में नशे के आदी लोग बेहाल

नशे के विरोधी सभी सुधिजन से क्षमायाचना के साथ प्रस्तुत ये पोस्ट तस्वीर के दूसरे रुख की महज प्रस्तुति है। क्षमायाचना की भी वजह है। जमाना ही ऐसा है कि सच बोलने से पहले उसे बर्दाष्त न कर पाने वालों को नमस्ते करना जरूरी है। वस्तुत: यह सुव्यवस्था की ऐसी विसंगति पर रोशनी डालने कोशिश … Read more

क्या कोरोना से निपटने के लिए सलाहकार समिति की बनाने की जरूरत है?

अजमेर। अगर रेलवे म्यूजियम में रखे गए खानाबदोश लोगों में कोरोना संक्रमण का मसला नहीं होता तो अजमेर जिला भी भीलवाड़ा की तरह एक मॉडल बनने जा रहा था। उसका सारा क्रेडिट जिला कलेक्टर व जिला पुलिस अधीक्षक को मिलता। बेशक उन्होंने जिस तरह से लॉक डाउन को सख्ती से लागू करवाया, उसी का परिणाम … Read more

सांस में छिपे हैं चमत्कारिक प्रयोग

भारतीय सनातन संस्कृति में शिव स्वरोदय एक ऐसा विज्ञान है, जिसका प्रयोग हर आम-ओ-खास कर सकता है, मगर दु:खद पहलु ये है कि इसके बारे में चंद लोगों को ही जानकारी है। हालांकि विस्तार में जाने पर यह बहुत गूढ़ भी है, पूरे ब्रह्मांड का रहस्य इसमें छिपा है, जिसे योगाभ्यास करने वाला ही जान-समझ … Read more

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