प्रेरणा स्त्रोत एवं युगप्रवर्तक स्वामी विवेकानन्द Part 3
स्वामी विवेकानन्द कहा करते थे, “जिसके जीवन में ध्येय नहीं वह तो खेलती -गाती, हँसती-बोलती लाश ही है। ”जब तक व्यक्ति अपने जीवन के विशिष्ट ध्येय को नहीं पहचान लेता तब तक तो उसका जीवन व्यर्थ ही है। युवको अपने जीवन में क्या करना है इसका निर्णय उन्हें ही करना चाहिये। स्वामी विवेकानन्द परमात्मा में … Read more