ख्वाजा साहब की कब्र पर ढ़ाई सौ साल तक नहीं थी मजार
इस्लाम से निकले सूफी सिलसिले के कदीमी दरवेश ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में आज जो अकीदतमंदों का सैलाब उमड़ता दिखाई देता है, उसे देख कर कोई सपने में नहीं सोच सकता कि किसी जमाने में ख्वाजा साहब की कब्र पर मजार शरीफ नहीं था और न ही गुंबदनुमा इमारत। जाने-माने इतिहासज्ञ डॉ. वी.एस. भार्गव … Read more