युग प्रवर्तक युवा सम्राट स्वामी विवेकानंद part 3
विवेकानंद जी का मानना था कि जब जब दिल और दिमाग के टकराव हो तब हमेशा अपने दिल की सुनो। उनके अनुसार आकांक्षा , अज्ञानता और असमानता बंधन की त्रिमूर्तियां हैं | जब लोग तुम्हें गाली दें तो तुम उन्हें आशीर्वाद दो। सोचो, तुम्हारे झूठे दंभ को बाहर निकालकर वो तुम्हारी कितनी मदद कर रहे … Read more