नशे की गर्त में डूबता जा रहा है अरांई

डोडा, अफीम और भांग के नशे का बढ़ता दौर
आसानी से उपलब्ध होते हैं मादक पदार्थ
आबकारी विभाग द्वारा बरती जा रही है लापरवाही
गरीबी सीमा से नीचे वाले ग्रामीण भी हो रहे लत का शिकार
-मनोज सारस्वत- अरांई। अरांई क्षेत्र में मादक पदार्थो का व्यवसाय करना यहॉ के नागरिकों का मौलिक अधिकार बनता जा रहा है। जिसमें जिला आबकारी विभाग द्वारा घोर लापरवाही के चलते युवा वर्ग भी नशे की लत का शिकार हो रहे है। डोडा, भांग, अफीम, पोस्त आदि मादक पदार्थो के उत्पादन, भण्डारण, पविहन, विक्रय, एंव बेचान की प्रक्रिया पर राज्य सरकार की नियमन सम्बन्धी शक्तिया भी विफल हो रही है।

थाने के समीप स्थित बस स्टैण्ड पर नशे में धुत्त अवस्था में पड़ा ग्रामीण।
थाने के समीप स्थित बस स्टैण्ड पर नशे में धुत्त अवस्था में पड़ा ग्रामीण।

अरंाई क्षेत्र के गांवों का माहौल यह है कि उक्त नशीले पदार्थ ग्रामीणों को आसानी से उपलब्ध हो रहे है। जिस पर विभाग अंकुश लगाने में नाकाम है। अन्दर ही अन्दर घुटता नशा कई परिवारों को बर्बाद कर चुका है। किन्तु आबकारी विभाग क ी प्रशासनिक कागजी कार्यवाही में इसका कई भी जिक्र नहीं है। कागजों में अववल्लता हासिल करने में जुटे प्रशासनिक अधिकारी विभाग के मुख्य उद्देश्य को भूल असमाजिक तत्वों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्यवाही करने से परे हो रहे है।
चाय की थडिय़ां दे रही हैं पनाह :- अरंाई क्षेत्र में मुख्य रूप से चाय की थडिया डोडा बेचने वाले गिरोह व नशे की लत में बर्बाद हो रहे ग्रामीणों को पनाह दे रही है। जहॉ विभाग द्वारा ठोस कदम नहीं उठाने के कारण इनके हौसले बुलन्द है। अरंाई, खेडानोनन्दपुरा, भामोलाव, दादिया, बोराडा, गुजरवाडा, जोरावपुरा, आकोडिया, कालातालाब, कटसूरा आदि गांवों में डोडा, अफीम, भांग खाने वालों की तादात दिनोदिन बढ रही है। वहीं किराणा व पान की दुकानों पर भी भांग की गोलियों के डिब्बे नियमविरूद्ध बिक्री के लिए पडे है। जो नारकोटिक ड्रग्स एण्ड साईकोट्रोपिक सब्सटेन्सेज अधिनियम १९८५ की धज्जिया उडाने में कही कसर नहीं छोड रहे है।
नशा करने का भी होना चाहिए लाइसेंस :- नियमों की बात करे तो डोडा पोस्त, अफीम आदि मादक पदार्थो का सेवन करने के लिए आबकारी विभाग द्वारा जारी लाईसेन्स होना चाहिए। जिसमें सेवनकर्ता के पास मादक पदार्थ की मात्रा का उल्लेख होता है। सूत्रों के हवालों से मिली जानकारी के अनुसार अरंाई क्षेत्र में नशा करने के लिए लाईसेन्स सुदा गिने चुने व्यक्ति ही है।
लत के बाद नहीं छूटता नशा – आसानी से आमजन को उपलब्ध हो रहे मादक पदार्थो की लत इतनी बुरी है कि आसानी से छोडना हर किसी के बस की बात नहीं। मजबूरी में ग्रामीणों को मुहं मांगे दामों पर उक्त मादक पदार्थो को खरीदना पड रहा है।
सामाजिक संगठन ने भेजी सूचना – कस्बे के ही सामाजिक संगठन ने आबकारी विभाग के राज्य स्तरीय आला अधिकारियों को क्षेत्र में चल रहे डोडा, अफीम, के गौरखधन्धे की सूचना प्रेषित कर कार्यवाही की मंाग की है। जिसमें अरंाई क्षेत्र के मुख्य रूप से मादक पदार्थो की बिक्री के लिए प्रसिद्ध स्थानों को प्रस्तावित कर उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए भिजवाया गया है।
अरांई ठेके के लिए १०० से अधिक फार्म – जहॉ एक ओर देश अपने आधार भूत ढांचे को सवारने में जुटा है वहीं दूसरी ओर जिला आबकारी विभाग अजमेर में २० फरवरी को होने वाले देशी शराब के ठेके की लाटरी के लिए अरांई मुख्यालय की दो शराब की दुकानों के लिए १०० से अधिक आवेदन जमा किये है। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रति फार्म २ लाख तीस हजार रूपये से अधिक डिमाण्ड राशि जमा हुई है। जिसमें ठेका होने पर अरंाई ठेके पर करीब ८०० से १००० देशी पव्वे बिकना अनिवार्य है। उक्त सामाजिक संगठन ने राज्य सरकारी की इस नीति को आमजन के लिए खिलाफ मानते हुए रोष जताया है। संगठन के पदाधिकारियों ने युवा पीढी पर शराब क ा दौर बढने से भविष्य अंधकार में होने पर चिंता जताई ।
इनका कहना:-
अरांई में अवैध मादक पदार्थाे की सप्लाई पर रोक के लिए विशेष अभियान चला कर कार्यवाही की जाएगी।
-जयक्रत सिंह राठौड़, सीआई, किशनगढ़ आबकारी विभाग

मैने अभी ज्वाईन किया है। आबकारी विभाग के अधिकारियों से मामले की जानकारी करते हुए मादक पदार्थो के सेवन करने वाले लाईसेन्स सुदा लोगों की सूचना मांग कर अवैध तरीके से क्षेत्र में काम कर रहे गिरोह के खिलाफ कडी कार्यवाही की जायेगी।
-जितेन्द्र सिंह, अरांई थानाधिकारी

2 thoughts on “नशे की गर्त में डूबता जा रहा है अरांई”

  1. कुछ नही करते ये लोग नेतावो के गुलाम बने बेठे हे नेता सुधर जाये उस दिन हमारी पुलिस प्रसासन भी सुधर जायेगा

  2. जब कोंग्रेस की सरकार थी तो बी.जे पी वाले कहते थे की सरकार दवा के नाम पर जहर बाट रही हे और वो दवाई आज भी मिल रही हे तो वो अम्रत केसे हो गयी हमे आजाद भारत चाहिए गुलामी वाला नही जयहिन्द ,जय भारत जय किसान

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