जो परिवर्तन का ज्वार उठा है, उसे रोकिये मत

त्रिवेन्द्र पाठक
नमस्कार मित्रों,
आज जो परिवर्तन का ज्वार जन साधारण के मन में उठा है, उसे रोकिये मत… आप सभी इस परिस्थिति को महसूस कर रहे हैं जो भी अभी यथार्थ के धरातल पर घटित हो रही है, और ये कोई सामान्य स्थिति नहीं इस स्थिति में बहुसंख्यक लोग परेशान है सिर्फ वो लोग जो उच्च वर्ग से सम्बन्ध रखते हैं या फिर जो व्यावहारिक सोच नहीं रखते सिर्फ वही इस प्रभाव से मुक्त हैं जिसे परिवर्तन प्रभाव की संज्ञा दी जा सकती है… एक गरीब मजदूर जिसने हमेशा सरकार से सिर्फ खाने की कीमतों में कमी की मांग रखी उसके अलावा कभी कुछ नहीं माँगा… एक गरीब किसान जिसने सिर्फ कृषि के लिए सस्ती बिजली, खाद, बीज और पानी की मांग रखी और अकाल पड़ने पर सिर्फ कुछ आर्थिक सहायता की मांग की और कुछ नहीं माँगा, एक मध्यम वर्गीय परिवार जिसने सिर्फ सरकारी शिक्षा की गुणवत्ता और चिकित्सा के क्षेत्र में गुणवत्ता पूर्ण चिकित्सा की मांग की, एक व्यापारी जिसने थोड़ी सी टैक्स रिबेट और कुछ छूट जो उसे व्यापार को आगे बढाने के लिए आवश्यक है मांगी, एक बेरोजगार जिसने सिर्फ नौकरी या कुछ उधोग धंधे स्थापित करने की मांग रखी ताकि उसे एक सम्मानित जीवन स्तर प्राप्त हो सके, कुछ उच्च मध्यमवर्गीय परिवार जिन्होंने अपने शहर के मौलिक जन जीवन के शुद्ध वातावरण और स्वच्छ रखने के लिए कुछ सुविधाओं की मांग की इसके अलावा कभी इस बहुसंख्यक वर्ग ने कुछ नहीं माँगा आजादी के बाद से अब तक… लेकिन क्या ये सब इतने वर्षों में मिला, और नहीं मिला तो क्यूँ नहीं मिला इस पर विचार कौन करेगा? आप, मैं और हम सब तभी इसका समाधान निकला जा सकता है और इसके नहीं मिलने के उत्तरदायी भी हम सब ही है क्योंकि जिनसे हमे ये सब करवाना है उन्ही को हम पार्टी के नाम पर या प्रभाव में या प्रलोभित होकर या विज्ञापन के कारण वोट करके मजबूत बनाते हैं लेकिन अपनी समस्याओं की जिक्र उनसे नहीं करते और फिर दोष राजनीती को देते हैं… इसलिए हे नागरिक गण मेरी आप सभी से हाथ जोड़कर प्रार्थना है की इस बार भाव में आभाव में या प्रभाव में वोट न करें…. इन्कलाब जिंदाबाद
आपका भाई, मित्र और साथी
त्रिवेन्द्र कुमार पाठक
प्रदेश अध्यक्ष
अखिल भारतीय ब्राह्मण परिषद्
राजस्थान युवा प्रकोष्ठ

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