पाँच दिन का पर्व हैं —— दीपावली – भाग-2

2. नरक चतुर्दशी:— नरक चतुर्दशी 14वें दिन पडती है, जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मारा था। नरक चतुदर्शी को बुराई की सत्ता या अंधकार पर अच्छाई या प्रकाश की विजय के संकेत के रुप में मनाया जाता है। आज के दिन लोग जल्दी (सूर्योदय से पहले) सुबह उठते है, और एक खुशबूदार तेल … Read more

पाँच दिन का पर्व हैं —— दीपावली भाग-1

विक्रम सवंत के अनुसार दीवाली कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की 13 वें चंद्र दिन पर मनाया जाता है। यह परम्परागत रुप से हर साल मध्य अक्टूबर या मध्य नवम्बर में दशहरा के 18 दिन बाद मनाया जाता है। दीपोत्सव पाँच दिन का पर्व हैं:—–दिवाली के पॉचों दिनों यानि धनतेरस, नरक चतुर्दशी , अमावस्या, कार्तिक … Read more

कार्तिक महीने की अमावस्या को ही क्यों मनायी जाती है दिवाली?—- दिलचस्प 4

अन्य गाथाएं:— जानकारियां— भागईसा पूर्व चौथी शताब्दी में रचित कौटिल्य अर्थशास्त्र के अनुसार कार्तिक अमावस्या के अवसर पर मंदिरों और घाटों (नदी के किनारे) पर बड़े पैमाने पर दीप जलाए जाते थे। इतिहास के शोधकर्ताओं के अनुसार 500 ईसा वर्ष पूर्व मोहनजोदड़ो सभ्यता में खुदाई के दौरन मिट्टी की एक मूर्ति में देवी के दोनों … Read more

कार्तिक महीने की अमावस्या को ही क्यों मनायी जाती है दिवाली?—- दिलचस्प जानकारियां— भाग 3

सिक्ख धर्म में दिवाली:—-अमृतसर के स्वर्ण मंदिर की स्थापना भी वर्ष 1577 में दीवाली के मौके पर की गयी थी। तीसरे गुरु अमरदासजी ने दिवाली को लाल-पत्र दिन के पारंम्परिक रुप में बदल दिया जिस पर सभी सिख अपने गुरुजनों का आशार्वाद पाने के लिये एक साथ मिलते है। सिख धर्म में इस दिन को … Read more

कार्तिक महीने की अमावस्या को ही क्यों मनायी जाती है दिवाली?—- दिलचस्प जानकारियां— भाग 2

माता काली का जन्म:– बहुत समय पहले एक राक्षस था जिसने लड़ाई में सभी देवताओं को पराजित किया और सारी पृथ्वी और स्वर्ग को अपने अधिकार में ले लिया। तब माँ काली ने देवताओं, स्वर्ग और पृथ्वी को बचाने के उद्देश्य से देवी दुर्गा के माथे से जन्म लिया था। राक्षसों की हत्या के बाद … Read more

कार्तिक महीने की अमावस्या को ही क्यों मनायी जाती है दिवाली?—- दिलचस्प जानकारियां— भाग 1

भगवान राम का लंका विजय के बाद अयोध्या में आगमन:—-जब भगवान राम अहंकारी राक्षसराज रावण का वध करने के बाद लंका का राज्य विभीषन को सोंप कर माता सीता और अनुज लक्ष्मण के साथ अपने ग्रह राज्य अयोध्या में 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर वापस लोटे तो उस वक्त अयोध्या के समस्त नर-नारी उन … Read more

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