देशप्रेम का क्रीडांगन

Ras Bihari Gaur (Coordinator)क्रिकेट में पकिस्तान पर भारत की विजय निश्चित् ही आल्हादित करने वाली अनुभूति है, लेकिन उससे भी आनन्ददायक ये रहा कि दोनों देशो के बीच खेल निर्विध्न रूप से संपन्न हुआ। जबकि पिच खोदने वाली संस्कृति से एक अन्जाना डर हर वक्त हमारा पीछा करता है। अभी चार दिन पहले पाकिस्तानी शायर अब्बास ताबिश के कार्यक्रम इंदौर,अजमेर,भोपाल,हैदराबाद सरीखे शहरों में महज इसलिए निरस्त करने पड़े क्योंकि आमन्त्रित शायर पाकिस्तानी था भले ही वो मोहब्बत की शायरी करता हो।
माना हिन्दुस्तान पाकिस्तान इस उपमहादीप के शास्वत शत्रु है। उसके लिए सामरिक,राजनायिक या कूटनीतिक मोर्चो पर युद्ध किया ही जाना चाहिए ।हम इन मोर्चो पर तो शान्ति के दूत बनने का असफल अभिनय करते हैं और युद्ध के कौशल सास्कृतिक ,साहित्यिक और खेल के मैदान में दिखाने को आतुर रहते हैं। नवाज शरीफ से बड़े दुश्मन हमे मेहंदी हसन,अब्बास ताबिश और शाहिद अफरीदी नजर आते हैं। हमारे शपथ ग्रहण में उनके मुखिया आते हैं,हमारे मुखिया अचानक उन्हें जन्मदिन का उल्लास बांटते हैं, साडी और शॉल का आदानप्रदान होता है, व्यापरिक,राजनैतिक , पारिवारिक व अन्य सभी सम्बन्ध सीमा पर शहीद हुए नायक के लिए आहात नहीं होते। हम बदस्तूर जुबानी जंग करते हुए गले मिलते रहते हैं। लेकिन कविता और शायरी के मामले में हमें सीमा के जांबाज देशभक्तों की याद आ जाती है ।जबकि पाकिस्तान की अवधारणा देने वाले शायर इकबाल का रचा गीत” सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा ,,” आज भी राष्ट्रिय गौरव का सबसे बड़ा गान है। सानिया मिर्जा पाकिस्तानी बहु होने के बावजूद भारत की ओर से खेलती हैं।अर्थात कि इकबाल,रहमान,नवाज,सानिया,सचिन ,नरेंद्र या,रासबिहारी की तो सरहद और देश हो सकता है, पर कवि, खिलाड़ी,कविता ,शायरी या खेल का ना कोई देश होता है ना सरहद। वह तो बस मोहब्ब्त का पैगाम बांटता है। जो शायद हमारी राजनीती को नहीं चाहिए। वे नफरत की खेती करना चाहते हैं ,इसीलिए संस्कृति ,साहित्य,क्रीडांगन पर आक्रमण उनका एकमात्र ध्धेय है।
वे नहीं जानते की देशप्रेम का असली क्रिडांगन ही साहित्य है।
प्रभु सबको सद्बुद्धि दे।
रास बिहारी गौड़

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