संकट की घड़ी
माला हाथ की हो या गले की दोनों की ही गरिमा महती है ज्ञानी – ध्यानी के हाथ और गले में ही शोभा देती है । अब ये लोग है ही कहाँ ? बगुला भगत ही पसरे हैं यहाँ – वहाँ । मालाएँ इन्हीं के कब्ज़े में पड़ी है आज हर भले आदमी और वस्तु … Read more
माला हाथ की हो या गले की दोनों की ही गरिमा महती है ज्ञानी – ध्यानी के हाथ और गले में ही शोभा देती है । अब ये लोग है ही कहाँ ? बगुला भगत ही पसरे हैं यहाँ – वहाँ । मालाएँ इन्हीं के कब्ज़े में पड़ी है आज हर भले आदमी और वस्तु … Read more
किसी विचारक ने लिखा है “विश्व के विस्तृत युध्द क्षेत्र में तुम एक बेजुबान गूँगे पशु की भाँति न हो जिसे जहाँ चाहे हाँका जा सके वरन इस युध्द में तुम एक वीर की भाँति लड़ो । बिना कठिनाइयों से लड़े , बिना उन्हें जीते , छुटकारा कहाँ ? ये कठिनाईयाँ , ये ठोकरें हमारी … Read more
सीएए को कानून बने एक माह से ऊपर हो चुका है लेकिन विपक्ष द्वारा इसका विरोध अनवरत जारी है। बल्कि गुजरते समय के साथ विपक्ष का यह विरोध “विरोध” की सीमाओं को लांघ कर हताशा और निराशा से होता हुआ अब विद्रोह का रूप अख्तियार कर चुका है। शाहीन बाग का धरना इसी बात का … Read more
दक्षिण दिल्ली के जसोला में डॉ. हेडगेवार स्मारक न्यास एवं भगवान महावीर रिलीफ फाउंडेशन ट्रस्ट के संयुक्त प्रयासों से प्रारंभ हुए मेडी-डायलिसिस सेंटर का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक श्री मोहन भागवत ने भारत की समृद्ध संस्कृति एवं आध्यात्मिक जीवन शैली से न केवल नया भारत बल्कि दुनिया को उन्नत … Read more
किसान खेत खलिहान में रात – दिन पसीना बहाकर जिसे उपजाता है , एक पिता अपने मेहनत की कमाई से जिसे खरीदकर लाता है और माँ, बहिन अथवा पत्नी जिसे तैयार करके हमारे खाने योग्य बनाती है उस अन्न को थाली में जूठा छोड़कर इतने लोगों का अनादर करने वाला प्राणी तो महा कृतघ्न ही … Read more
दिल्ली में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और चुनावी सरगर्मियां गरमा रही है। इन चुनावों में भाजपा, कांग्रेस एवं आप के बीच संघर्ष होता हुआ दिखाई दे रहा है, दिल्ली के लोग वर्तमान नेतृत्व का विकल्प खोज रहे हंै जो सुशासन दे सके, विकास की अवरूद्ध स्थितियों के बीच कोई आश्वासन बने एवं … Read more
मरते हुए पंछी ने व्यथित होकर पतंग से पूछा बहिन ! मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है, अपनी डोर में उलझाकर मुझे क्यों मारा है ? मैं तो वैसे ही डरा – डरा था इंसानी क्रूरता से अधमरा था । दूषित वातावरण में जीता था ज़हरीला दाना खाकर नदी-नालों का गंदा पानी पीता था । तुम … Read more
आजकल श्वान भौंकते हैं काटते नहीं हैं बस सूंघते हैं चाटते नहीं हैं । विषय बोध का है गहरे शोध का है । समय के साथ परिवर्तन लाज़मी है पर इसकी जड़ में आदमी है । किसी को काटकर या चाटकर कोई श्वान मर गया होगा इसीलिए हर श्वान शायद डर गया होगा । – … Read more
स्कंदपुराण के काशीखंड में प्रचलित एक कथा के अनुसार – राजा दक्ष की कन्या संज्ञा का विवाह सूर्यदेव के साथ हुआ था। भगवान सूर्यदेव का तेज बहुत अधिक था जिसे लेकर संज्ञा सदैव परेशान रहती थी। सूर्य देव और संज्ञा की तीन संतान वैवस्वत मनु, यमराज और यमुना तीन संतान हुईं। लेकिन संज्ञा अब भी … Read more
नमित मेहता ने जैसलमेर को विकास में जो नई ऊंचाइयां दी चंदन सिंह भाटी जैसलमेर एक साल भर में जिला कलेक्टर के रूप में नमित मेहता ने जैसलमेर को विकास में जो नई ऊंचाइयां दी है वो बहुत कम देखने को मिलती है।।सभी अधिकारी अपना बेस्ट देने की कोशिश करते है ।।मगर नमित मेहता का … Read more