संवेदना, सौंदर्य और भाषा का संयोजन है साहित्य
साहित्य को विरोध का हथियार न बनने दें राजस्थान साहित्य अकादमी की विचार गोष्ठी सम्पन्न अजमेर/संवेदना का संस्कार, सौंदर्य का विस्तार और भाषा का परिष्कार इन तीनों मानदण्डों में खरा उतरने वाला लेखन ही साहित्य की प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकता है। तथ्य और कल्पों में उलझना वैज्ञानिकों का काम है साहित्य का आधार तो केवल … Read more