विकास एक सतत प्रक्रिया किसी पार्टी या सरकार को नहीं लेना चाहिए श्रेय

अजमेर। विकास का श्रेय यूँ किसी विचारधारा में बंध कर किसी एक नेता या पार्टी को देना गलत है। विकास एक सतत् प्रक्रिया है। यूँ देखा जाए तो वैज्ञानिक तकनीक तो अंग्रेज भारत में लाये थे। वो आये तो हवाई जहाज, समुद्री जहाज आये। (वरना पहले हम तो पाल वाली नौकाओं से सफर करते थे), … Read more

घर के नहीं मरते तो फौज इकट्ठा होती

राजनीतिक परिदृश्य : खुद का चश्मा खरीदे जनता अमित टंडन अजमेर। ये किसी एक सरकार की नही “सरकारों” की विफलता है कि गरीब श्रमिक वर्ग सड़कों पर भटक रहा है। राजनीतिक द्वेष और विरोधी विचारधारा राजनीतिक दलों को एक साथ काम करने में बाधक हो रही है। सबकी अपनी डफली-अपना राग है। सामंजस्य बिठाने में … Read more

इतनी मौतों के बाद अब सुध आई

-काश पहले चेतते तो बेचारे मजबूर मजदूर बेमौत ना मारे जाते 👉महाराष्ट्र के औरंगाबाद में मालगाड़ी से कटकर और मध्यप्रदेश के गुना में सड़क दुर्घटना में मजबूर मजदूरों के बेमौत मारे जाने तथा हजारों मजदूरों के सैकड़ों पैदल चलकर अपने गांव-शहर तक जाने और उनके पैरों में छाले पड़ने के बाद हमारे शासन-प्रशासन की नींद … Read more

*ये तो दोहरी नीति है*

–अमित टंडन *अजमेर।* जब दुकानें खोलने के आदेश ही हो गए तो कैसा लॉक डाउन। सिर्फ प्रभावित एरिया में ही दुकानें नही खुलीं, जैसे मोची मोहल्ला, धान मंडी, दरगाह के आसपास के क्षेत्र, क्योंकि वहीं सबसे ज्यादा मरीज पाए गए। कल, यानी 14 मई को भी 4 नए केस वहीं से आए। बाकी तो नया … Read more

*कहीं भ्रष्टों की भेंट ना चढ़ जाए विशेष पैकेज*

-सारा पैसा वांछितों, जरूरतमंदों तक पहुंचे और जिस मद व मकसद के लिए प्रावधान किया गया है, उसी पर खर्च हो -यदि भ्रष्टाचारी एक पैसा भी डकारने की कोशिश करे तो उसकी हलक में से निकाल लिया जाए 👉प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 मई की रात राष्ट्र के नाम संबोधन में की गई 20 लाख … Read more

गोलमाल है भई, गोलमाल है

पांच गुना महंगे बिक रहे हैं बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू-गुटखा जब से लॉक डाउन लागू हुआ है, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट, बीड़ी आदि पर प्रतिबंध है। यानि कि बनाने और बेचने पर। न बनना चाहिए, न बिकना चाहिए। खाने पर भी। यदि खा कर कहीं थूक दिया तो जुर्माना है। जब कि सच्चाई ये है कि ये सभी … Read more

बहुत कठिन है डगर पनघट की

मित्रों सरकार ने हमें लॉक डाउन में बहुत सारी रियायतें दे दी है।कुछ मजबूरी सरकार को सरकार चलाने की है तो कुछ मजबूरी हमारे समाज के उन लोगों की है जो मौत से ज्यादा अपने ऐशो आराम को महत्त्व दे रहे हैं।जो घूमना चाहते हैं बाहर।कुछ लोगों की आर्थिक स्थिति भी बहुत विकट हो गई … Read more

कोरोना योद्धाओं के वेतन की कटौती कहां तक उचित है

मेरा ये सुझाव मैं माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र जी मोदी व हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक जी गहलोत को भिजवा रहा हूं।इसमें आपकी सहमति,असहमति या सुझाव जो भी हो जरूर दें। लॉक डाउन की वजह से हमारे देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था पुरी तरह से चरमरा गई है।हम सब इन हालातों को समझ भी … Read more

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से मतलब दूसरों का अपमान करना नहीं है

*दी इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 66 ए को असंवैधानिक घोषित करने के बाद सोशल मीडिया पर फैलने लगी है बेलगाम सांप्रदायिकता* ✍️✍️ *देश की संसद को जरूरत है इस विषय पर कानून बनाने की* दोस्तों! शुभ प्रभात।नमस्कार। आज जमाना सोशल मीडिया का है।हर दूसरे व्यक्ति के पास एंड्रॉइड फोन है।लगभग सभी एंड्रॉइड फोन धारक … Read more

सरकार फेक न्यूज बनाने और उसे वायरल करने वालों के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करती?

दोस्तों वर्तमान युग सोशल मीडिया का युग है।हम सब के हाथों में 24 घंटे मोबाइल पड़ा रहता है।ज्यादातर लोग मोबाइल पर ही सारी न्यूज देखते हैं।मनोरंजन व टाइम पास से लेकर देश विदेश की सारी जानकारियां हम लोग मोबाइल के जरिये ही प्राप्त करते हैं।और तो और हमारे बच्चे तो इसके एडिक्ट हो चुके हैं।रही … Read more

इस बार न्यायालयों में ग्रीष्मकालीन समय परिवर्तित क्यों नहीं किया गया

आदरणीय अधिवक्ता साथियों प्रतिवर्ष राजस्थान उच्च न्यायालय तथा राजस्थान के अधीनस्थ न्यायालय सहित देश के विभिन्न राज्यों में प्रतिवर्ष अप्रेल माह के द्वितीय शनिवार के बाद आने वाले सोमवार से न्यायालयों का समय 7.30 बजे से 1 बजे तक का हो जाता है।तथा ये व्यवस्थाएं 30 जून तक रहती है।इन व्यवस्थाओं के पीछे मुख्य कारण … Read more

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