….अब मैं ‘उल्लू’ बनना चाहता हूँ
हे माँ! अब मैं उल्लू बनना चाहता हूँ। मैंने निश्चय किया है कि मैं अब अपने सभी वसूलों, सिद्धान्तों की तिलांजलि दे दूँगा। अपनी शरण में ले लो। मेरा उद्द्धार कर दो। अब तक मैं तेरी प्रतिद्वन्दी का सुपुत्र कहलाने में अपने जीवन का काफी समय व्यर्थ में गंवा चुका हूँ। जी हाँ हे माँ! … Read more