हमारे वॉरियर्स

हॉकर* हॉकर सारे देश में , घूम रहे हर द्वार । घर-घर में पहुँचा रहे , प्रतिदिन ये अख़बार ।। प्रतिदिन ये अख़बार ,जान जोख़िम में डाले । कोरोना संग्राम , लड़ रहे ये मतवाले ।। कह नटवर कविराय ,उठ गए जल्दी सोकर । बाँट रहे अख़बार , घरों में देखो हॉकर ।। सफाईकर्मी* गली-मुहल्ले … Read more

एक लाजवाब सीख ,जो जीवन का रुख बदल सकती है

*न्यूयार्क का बड़ा पत्रकार एक सन्यासी का इंटरव्यू ले रहा था* *पत्रकार ने जैसा प्लान किया था , वैसे ही इंटरव्यू लेना शुरू किया।* *पत्रकार- सर, आपने अपने लास्ट लेक्चर में संपर्क (Contact) और संजोग (Connection) पर स्पीच दिया लेकिन यह बहुत कन्फ्यूज करने वाला था। क्या आप इसे अच्छी तरह से समझा सकते हैं … Read more

आज की जरूरत

होठों पर तो मास्क लगा है , नयनों से मुस्काना सीखो । परिवर्तन की बहती धारा , उसमें ज़रा नहाना सीखो। देवघरों में देव बंद है , ख़ुद में देव जगाना सीखो । असहायों की सेवा करके , थोड़ा पुण्य कमाना सीखो । पशु-पक्षी को दाना -पानी , मन में दया जगाना सीखो । अपना … Read more

*आत्ममंथन*

चाहे कोई कुछ भी कह ले , मन तो सब कुछ जाने रे । अलग-अलग है रस्ते सबके, जाना एक ठिकाने रे । मिलना होगा उसी छोर पर, किसी नाव में बैठो तुम । ये मेरी है वो मेरी है , ये तो सिर्फ़ बहाने रे । धन-दौलत तो उसको कहते, साथ हमारे जाए जो … Read more

*पहली बार*

मंदिर-मस्ज़िद सूने-सूने, ख़ामोशी स्वर-लहरों में । पहली बार हुआ है ऐसा , मानव बैठा पहरों में । आज़ादी के साथ विचरते , वन्य प्राणियों को देखा । नदियाँ सारी स्वच्छ हो गई , धुआँ छंट गया शहरों में । भीड़ न जाने कहाँ खो गई , सड़कें मन में सोच रही । वर्षों बाद कमी … Read more

*म्हारा गाँव जेसो गाँव कठे*

क्यूँ परदेसां जावो भाई, थ्हे क्यूँ भटको हो अठे बठे। सारी दुनिया घूम लो चाहे, * आसण * जेसो गाँव कठे। म्हारा गांव जेसो , रुपाळो और गांव कठे ।। इण री माटी में जन्म लियो, आ तकदीरां री बात है। किस्मत सुं ही लोगां ने, मिल पावे आ सौगात है। सुख शांति रो ओ … Read more

सोनेे का भाव, खारहा है ताव !

व्यंग्य हमारे देष में सोने की बडी महिमा हैं चाहे वह सोना धातु हो जिसने सन साठ के दषक में भू.पूर्व मुख्यमंत्री स्वः मोहनलाल सुखाडिया के समय राजस्थान की छोटी सादडी कांड में कई गुल खिलाये थे अथवा आराम का मामला होे हमारे देष में सोने के भाव हमेषा ही उॅचे रहे हैं. अब खबर … Read more

*जीत*

सारा जग है अपना मीत , सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत । कहासुनी ना कोई बैर , समझेंगे सब देर- सवेर । गाएंगे सब मिलकर गीत, सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत । पेड़ों के झुरमुट में शोर , शायद होने वाली भोर । काली रात गई अब बीत, सिर्फ़ प्रेम की होगी जीत । बाँसुरियों … Read more

दरियादिली से कोरोना से मुकाबला कैसे होगा?

लाक डाउन-2 में इतनी छूट मिलने के बाद लगता नहीं है लाक डाउन-3 लगा,तो कोरोना से लडाई में कोई फायदा होगा। कोरोना की रफ्तार के बीच काम-धंधों के लिए रियायतें अजीब विरोधाभास है। लगता है सरकार खुद कनफ्यूज है कि करना क्या है? जब पता है कि संक्रमण लोगों के ज्यादा जुटने से होता है,तो … Read more

करोना का क़हर : मध्यम वर्ग पर कितना असर

मेरी यह बात आपको अजीब लग रही होगी किंतु यह प्रश्न बेमायने नहीं है । आज सबसे ज़्यादा जो इस नाशपीटे करोना का दंश झेल रहा है , वो है मध्यम वर्गीय आम व लाचार आदमी । छोटे छोटे दुकानदार अपने कारोबार के ख़त्म होने से सदमे में हैं । वहीं नौकरी पेशा सरकारी कर्मचारी … Read more

*मेवाड़ी सरदार*

महाराणा प्रताप सो , हुयो न कोई वीर । सपना म्ह जद-जद दिख्यो, अकबर हुयो अधीर । आज़ादी मेवाड़ री , होसी जद साकार । सुख सैजां सोऊँ जणा, त्याग दियो घर-बार । छोड्या छप्पन भोग सै , घास बणी आहार । सेना ने एकट करी , मेवाड़ी सरदार । चेतक पर आसीन हो , … Read more

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