*विचार – प्रवाह*

विश्व के सभी धर्मों में प्रार्थना को सर्वोच्च स्थान प्राप्त है । प्रार्थना की विधियाँ और तरीके भले ही अलग – अलग हैं किंतु अंतिम लक्ष्य उस परम शक्ति तक अपनी बात पहुँचाना है जो इस जगत का रचयिता है । महात्मा गाँधी के शब्दों में ” विकार रूपी मलों की शुध्दि के लिए हार्दिक … Read more

बेटी

बेटी हो बेबस न होना सक्षम बन परवश न होना दुस्टों का संहार करन को , दुर्गा की मूरत बन जाना जितने तीर तेरे तरकश में , सबको तुम देखो आजमाना भाले और त्रिशूल से अपना, दुस्टों को जोहर दिखलाना रूह कांपे गंदे लोगो की, ऐसा उनको सबक सिखाना आड़े वक्त आएंगे बेशक , हिम्मत … Read more

अंधेरों के बीच उजालों की खोज हो

एक वर्ष का विदा होना सिर्फ कैलेन्डर का बदल जाना भर नहीं है। छोटा ही सही लेकिन यह हमारे जीवन का एक अहम पड़ाव तो होता ही है, जो हमें थोड़ा ठहरकर अपने बीते दिनों के आकलन और आने वाले दिनों की तैयारी का अवसर देता है। एक व्यक्ति की तरह एक समाज, एक राष्ट्र … Read more

*विचार – प्रवाह*

सहिष्णुता का शाब्दिक अर्थ सहनशीलता अथवा धैर्य है और असहिष्णुता इस अर्थ का बिल्कुल विपरीत भाव है । सरल शब्दों में सहिष्णुता का अर्थ सहन करना और असहिष्णुता का अर्थ सहन न करना है । सहिष्णुता बचपन के संस्कारों पर निर्भर है । इसका सबसे बड़ा उदाहरण है भारतीय महिलाएं । यहाँ बचपन से ही … Read more

*विचार – प्रवाह*

किसी भी विषय पर अपने विचारों को मौखिक या लिखित रूप से व्यक्त करना अभिव्यक्ति कहलाती है । अभिव्यक्ति भाषण , वक्तव्य , चित्र , व्यंग्य , नाटक , नुक्कड़ नाटक , फ़िल्म , धरना – प्रदर्शन , नारेबाजी इत्यादि किसी भी रूप में हो सकती है । अभिव्यक्ति अपने विचारों को साझा करने , … Read more

तनाव है तो होने दे, इसमें बुरा क्या है?

स्ट्रेस यानी तनाव। पहले इसके बारे में यदा कदा ही सुनने को मिलता था। लेकिन आज भारत समेत सम्पूर्ण विश्व के लगभग सभी देशों में यह किस कदर तेज़ी से फैलता जा रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज हर जगह स्ट्रेस मैनेजमेंट अर्थात तनाव प्रबंधन पर ना सिर्फ … Read more

बदलते राजनीतिक दृश्यों में उथल-पुथल के संकेत

आज जब नववर्ष प्रारम्भ हो रहा है या यूं कहूं कि इक्कीसवीं शताब्दी का ट्वींटी-ट्वींटी प्रारम्भ हो रहा है, तब इसकी पूर्व संध्या पर मुझे भारत की एक नवीन तस्वीर दिखाई दे रही है। बीता वर्ष जाते-जाते घटनाबहुल बन गया। राष्ट्रीय स्तर पर जहां राममंदिर, अनुच्छेद 370, तीन तलाक कानून, एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून … Read more

*विचार – प्रवाह*

प्रसिध्द लेखक एवं विचारक बेंजामिन फ्रेंकलिन का कथन है कि ” ईमानदारी सर्वश्रेष्ठ नीति है ।” निस्संदेह जीवन के किसी भी क्षेत्र में स्थापित होने के लिए इस नीति को अपनाना ही होगा अन्यथा आपका सफ़र ज्यादा नहीं चलेगा । बेईमानी हमारा दूर तक साथ नहीं दे सकती । यदि हमें मंज़िल तक पहुँचना है … Read more

नये वर्ष में भारत को नया रंग दें

जीवन में मौसम ही नहीं बदलता माहौल, मकसद, मूल्य और मूड सभी कुछ परिस्थिति और परिवेश के परिप्रेक्ष्य में बदलता है। और ये बदलते दौर जीवन को कई बार विचित्र नए अर्थ दे जाते हैं। नया वर्ष- 2020 ऐसे ही नये अर्थ और दिशाएं देने को सम्मुख खड़ा है। ऐसा लगता है कि जिन्दगी के … Read more

*विचार – प्रवाह*

सुप्रसिध्द दार्शनिक सिसरो ने लिखा है कि इस संसार में मित्रता से अधिक कुछ भी मूल्यवान नहीं है । सचमुच जिस व्यक्ति के पास सच्चे और अच्छे मित्र हो वह दुनिया का सबसे धनाढ़्य व्यक्ति है । आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार ऐसे मित्रों की खोज में लगे रहना चाहिए जिनमें हमसे अधिक आत्मबल हो … Read more

पीहर-ससुराल एक ही जगह होने का अपना मजा है !

खबर है कि भारत में हर दसवें लडकें को दुल्हन नही मिल रही है. वह दसवां लडका कौन है यह खोज का विषय है. सीबीआई खोजले तो और बात है बशर्ते उस पर किसी तरह का दवाब ना हो. फिर भी र्इस समस्या का हल निकाल लिया है मध्य प्रदेश में खरगोन जिले के चोली … Read more

error: Content is protected !!