स्वास्थ्य – प्रथम प्राथमिकता

(जैविक खेती को बढ़ावा दें ) -बलराम हरलानी- ”हर पीली वस्तु सोना नहीं होती“ वैसे ही बाजार में बिकने वाली सब्जियाँ व फल जो दिखने मंे तो बहुत आकर्षक होती हैं वे पोष्टिक व स्वास्थवर्धक हों यह जरुरी नहीं। पैदावार बढ़ाने के लिए कई प्रकार के हानिकारक कैमिकल्स व पदार्थांे का प्रयोग से आमजन के … Read more

दफन जिन्न को जगाने पर तुली राजनीति…!!

-तारकेश कुमार ओझा- उस रोज न्यूज चैनल्स पर बिहार विधानसभा चुनाव का टिकट पाने से वंचित रह गए उस बुजुर्ग को फूट – फूट कर रोते देखना एक विचित्र अनुभव रहा। वह बुजुर्ग किसी के पैरों में गिर कर मिन्नतें करने से भी गुरेज नहीं कर रहा था… उसके मुंह से बार – बार निकल … Read more

डॉ. सरिता मेहता की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद

बदलते सपने एक सपना था बड़ा होने का। माँ की तरह तैयार होने का, माँ बन, ममता लुटाने का॥ एक सपना था कुछ करने का, जग में नाम-शौहरत कमाने का, अखबारों की सुर्खियों में छा जाने का॥ अब सपना है बुद्ध सा बनने का, मोह माया से पूर्णत: विरक्त होने का सब कुछ छोड़ स्वंय … Read more

मितव्ययता सीखें

बूंद बूंद से ही घडा भरता है – आज हम सभी इस कहावत के मायने भूल से गये है । मेरी सलाह है – फिसूलखर्चीं छोडे और मित्व्ययता सिखें । विलासता व भोग हमारे समाज में हावी हो रहा है । हर व्यक्ति अपने या अपनों के क्षणिक आनन्द के लिऐ अपनी सीमा से अधिक … Read more

मेरे विचार या आज का चिंतन

आदरणीय मित्रो आप मान सम्मान चाहते है ,आप यह भी चाहते है की आपकी समाज में प्रतिष्ठा हो ,आपको हर कोई पहचानें ,आपके हर गली ,मोहल्ले ,समाज ,जिला या प्रदेश में चर्चे हो, आप यह भी चाहते है की आपको अधिकारी ,नेता ,मित्र आपको सम्मान दे ,आप जहाँ भी पहुंचें आपको लोग खडें होकर आपकी … Read more

कम बोलें, अच्छा बोलें

मेरे विचार भी कुछ इसी बात से मिलते जुलते है । अनावश्यक शब्दों या वार्तालाप को आप हटा दें, सामान्यतः आप तौल-मौल के बोलंे यानि कम बोले, अच्छा बोले । कई बार वे शब्द ही हैं जिनकी वजह से हमें मान-सम्मान या अपमान सहन करना पडता है । शब्द ही है जो किसी व्यक्ति का … Read more

अखाड़े के पहलवान ? सख्त या मुलायम

चुनावी मौसम जैसे ही आरम्भ होता है राजनितिक प्राणी भी बरसाती प्राणियो के समान टर्राना आरम्भ कर ही देते है ? सुप्त निद्रा से निकल ठंडी सुहानी बरखा की फुहारों के बीच जोड़े भी बनातेहै ? लेकिन राजनितिक बरसाती प्राणी। की सारी शक्ति अपनी अपने परिवार और पार्टी की खाल बचाने में ही लगती है? … Read more

जब संसद में ही कुछ नहीं हुआ तो विधानसभा में क्या होगा

राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे के इस्तीफे के मांग को लेकर कांग्रेस ने संसद का पूरा मानसून सत्र बरसात में बहा दिया,लेकिन राजे का कुछ भी नहीं हुआ। अब 16 सितम्बर से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हुआ है तो कांग्रेस के विधायक यहां भी हंगामा कर रहे हंै। 17 सितम्बर को हंगामे की वजह … Read more

वसुंधरा सरकार की ईमानदारी ध्वस्त

राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने गत विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान बार-बार दावा किया कि राजस्थान को कांग्रेस और भ्रष्टाचार से मुक्त बनाएंगे। 200 में से 163 सीटे जीत कर प्रदेश को कांग्रेस मुक्त तो बना दिया, लेकिन शायद भ्रष्टाचार पहले से भी ज्यादा हो गया। इसका ताजा उदाहरण 16 सितम्बर को उदयपुर … Read more

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