ईश्वर वाकई अव्याख्य है
पूरी कायनात सुव्यवस्थित तरीके से चल रही है। निश्चित रूप से यह कहीं न कहीं से संचालित हो रही है। कोई न कोई तो इसे चला ही रहा है। वह भले ही हमारी तरह कोई मानव या महामानव न हो, मगर एक केन्द्र बिंदु जरूर है, एक पावर सेंटर जरूर है, जिसके इर्द-गिर्द पूरा संसार … Read more