अमरजीत सिंह राणा की हालत के पीछे कोंन जिम्मेदार है

आज मै आपको ऐसी शख्सियत के हालातों से रूबरू करवा रही हूं जिनकी इस हालत के पीछे सरकार से लेकर हम भी जिम्मेदार है ..जी मै बात कर रही हूँ #पूर्व_भारतीय_हॉकी_प्लेयर #अमरजीत_सिंह_राणा के बारें जो अभी 2 दिन पहले दिल्ली के पहाड़गंज रोड़ पर #भीख_मांगते हुए बेबस और लाचारी से जीवन व्यतीत करते हुए मिले … Read more

*विचार – प्रवाह*

परिधान यानि वे वस्त्र जिन्हें शरीर पर पहना जाता है । किसी ने सच कहा है “परिधान व्यक्ति को बनाते है” । परिधानों से संस्कार , संस्कृति और अभिरुचि परिलक्षित होती है । परिधान के चयन और उपभोग से आचार- विचार की झलक मिलती है । परिधान व्यक्ति की जीवन- शैली का प्रतिबिंब है अतः … Read more

शिक्षा के मन्दिरों में हिंसा एवं राजनीति क्यों?

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई हिंसा को किसी विश्वविद्यालय में छात्रों के बीच हुई आपसी मारपीट की तरह नहीं देखा जा सकता, इस तरह की हिंसा को राजनीतिक, साम्प्रदायिक एवं जातीय संरक्षण प्राप्त है। यह एक षडयंत्र है, जिसमें छात्रों को राजनीतिक हितों के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है। विश्वविद्यालयों से छात्रों … Read more

*विचार – प्रवाह*

“रघुकुल रीत सदा चली आई , प्राण जाए पर वचन ना जाई ” इस रीत ( मर्यादा ) को निभाने के लिए महाराजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए और राम ने राजसत्ता , धन और वैभव को ठुकराकर वनवास स्वीकार कर लिया । मर्यादा पूजी जाती है । जिसने भी मर्यादा का पालन कर … Read more

ननकाना साहिब हमले के सन्दर्भ में सीएए

पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमले की घटना से एक बार फिर दुनिया के सामने वहां के अल्पसंख्यकों की हिफाजत के खोखले दावे का सच सामने आया है। किस तरह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को उपेक्षित, अपमानित और आतंकित जीवन जीने को विवश होना पड़ रहा है, गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर नफरत, द्वेष एवं अमानवीयता … Read more

स्वामी विवेकानंदजी के अनमोल मन्त्र जिनमें छुपा है खुशहाल जीवन जीने का रहस्य पार्ट 1

उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक आपको अपना लक्ष्य प्राप्त ना हो जाये। जब तक आप खुद पर विश्वास नहीं करते तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते । जब जब दिल और दिमाग के टकराव हो तब हमेशा अपने दिल की सुनो। आकांक्षा , अज्ञानता और असमानता बंधन … Read more

*विचार – प्रवाह*

बाहरी आकर्षण कुछ समय के लिए सम्मोहित कर सकता है किंतु हमारी व्यवहार कुशलता जीवनभर के लिए अमिट छाप छोड़ती है । कहने का तात्पर्य यह है कि व्यवहार कुशलता हमारे जीवन का सबसे उज्ज्वल पक्ष है । व्यवहार कुशलता एक सुंदर आभूषण की तरह है जो हमारे व्यक्तित्व के चार चाँद लगा देता है … Read more

*विचार – प्रवाह*

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । सामाजिकता की पहली पहचान उसके भीतर के संस्कार है क्योंकि संस्कारहीन व्यक्ति सामाजिक हो हो नहीं सकता और जो सामाजिक नहीं है उसे मनुष्य कहना ही अनुचित है । परिवार और विद्यालय दो ऐसे स्थान है जहाँ बाल्यकाल से ही संस्कारों का बीजारोपण होता है । संस्कारों का जीवन … Read more

*विचार – प्रवाह*

महात्मा विदुर ने एक प्रसंग में कहा है – बुढ़ापा रूप को , आशा धैर्य को , मृत्यु प्राण को , क्रोध श्री को , काम लज्जा को और अभिमान सर्वस्व हरण कर लेता है । अभिमान यानि जो हूँ वो मैं ही हूँ , सामने वाला मेरे सामने कुछ भी नहीं है । अभिमानी … Read more

मिल जाए वो सब जो अब तलक मिला नहीं

कल सुबह देखा जब मैंने धुप तो थी ही नहीं लोगों ने भेजे ख़त मुझे कि भोर है नई नई आ गयी है फिर से एक बार तारीख वही जो पहले भी जीवन में आई है हर साल नई आज से पहले भी कितनी बार तारीख बदली है मुन्तजिर हूँ मैं उसका जो अब तलक … Read more

कोटा में बच्चों की मौत से जुड़े सवाल

एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तथाकथित बवाल एवं हौ-हल्ला के बीच कोटा संभाग के सबसे बड़े सरकारी जेके लोन चिकित्सालय में भर्ती बच्चों की लगातार हो रही मौतों पर जिस तरह की असंवेदनहीनता एवं अराजकता देखने को मिल रही है, वह न सिर्फ दुखदायी है बल्कि राजस्थान सरकार की चिकित्सा व्यवस्था पर सवालिया … Read more

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