पढऩे की उम्र में शादी और उस पर भी गर्भपात का कहर

-सतीश शर्मा- उदयपुर। पढऩे, लिखने और सपने बुनने की उम्र में राजस्थान की नारी मातृत्व और गर्भपात का बोझ झेल रही है। इन्टरनेशनल इंस्टीटयूट आफ पॉपुलेशन साइंसेज और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सर्वे में इस तरह की स्थिति उजागर हुई है। ऐसे आंकड़े सामने आए कि राजस्थान में कम उम्र में मां बनने वाली … Read more

नशा …

इक रोज वक्त अपने शिखर से उतर कर मेरे सामने बैठ गया कुछ देर वो बैठा मुझे देखता रहा मैंने गिलास खत्म किया फिर भरने लगा तो वक्त हंस दिया मैंने उसकी और देखा वो चुप हो गया जैसे कह रहा हो अरे भाई … मैं आ गया जब मैं नहीं था तो भी पीते … Read more

कैसे करें श्रावण सोमवार व्रत?

प्राचीन शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत तीन तरह के होते हैं। सोमवार, सोलह सोमवार और सौम्य प्रदोष। सोमवार व्रत की विधि सभी व्रतों में समान होती है। इस व्रत को श्रावण माह में आरंभ करना शुभ माना जाता है। श्रावण सोमवार के व्रत में भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। … Read more

गरीबी मुद्दा तो बनती है,लेकिन मिटती नहीं

-अब्दुल रशीद सिंगरौली (मध्य प्रदेश) – “जन आशीर्वाद के हक़दार,शिवराज आपके द्वार”॥ यही स्लोगन लिखा फ्लेक्सी बैनर सिंगरौली जिला में चारो तरफ लगा हुआ है,जो इस बात की तस्दीक करता है कि चुनाव अब करीब है और संभवतः मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली में अपनी पहली चुनावी यात्रा की शूरूआत कर दिया … Read more

पहले वो जख्म देते हैं

पहले वो जख्म देते हैं , फिर उन पर नमक छिडकते हैं , एक रुपया जिसे अब भिखारी भी लेता नहीं , इतने में भर पेट खाना मिलेगा वो देश को कहते हैं , काश कोई हिसाब लगाने वाला होता , 2G और कोयला घोटाला 4 लाख करोड़ है , 1 रूपये के हिसाब से … Read more

अंग्रेजी से फायदा कम नुकसान ज्यादा

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक- इस समय देश में एक पुरानी बहस फिर चल पड़ी है। अंग्रेजी से देश को फायदा हुआ है या नुकसान?  मेरा निवेदन है कि अंग्रेजी से फायदा कम हुआ और नुकसान ज्यादा! किसी भी नई भाषा के सीखने से फायदा ही होता है। यदि वह भाषा विदेशी हो तो और ज्यादा फायदा … Read more

पत्रकारिता के नाम पर कोई कितनी फ्रॉडगिरी कर सकता है?

-पुण्य प्रसून बाजपेयी- पत्रकार/ पत्रकारिता के नाम पर कोई कितनी फ्रॉडगिरी कर सकता है। या फिर मौजूदा दौर में पत्रकारिता एक ऐसे मुकाम पर जा पहुंची है, जहां पत्रकारिता के नाम पर धंधा किया भी जा सकता है और पत्रकारों के लिये ऐसा माहौल बना दिया गया है कि वह धंधे में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर … Read more

गहलोत दूषित राजनीति में फंसी रिफाइनरी

-कीर्ति शर्मा पाठक- लीलाला, पचपदरा, जाट लॉबी को नीचा दिखाना और जोधपुर की निकटता – दूषित राजनीति – रिफाइनरी हेतु ज़रूरी क्या होना चाहिए ? दूषित और स्वार्थी राजनीति अपने चरम पर ….. रिफाइनरी का लिलावा से पचपदरा ले जाए जाने की राजनीति ….. राज्य सरकार चाहे कोई भी वजह बता रही हो परन्तु अशोक गहलोत … Read more

कैसे 9/11 और राष्ट्रपति पद ने ओबामा के नजरिए में आमूलचूल बदलाव किया

मैंने अपने पिछले ब्लॉग (21 जुलाई) में पाठकों के लिए दि न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित एबटाबाद प्रकरण पर पाकिस्तान सरकार की जांच रिपोर्ट और ओसामा बिन लादेन के मारे जाने सम्बन्धी रिपोर्ट का सारांश प्रस्तुत किया था। अब तक इस ऑपरेशन एबटाबाद पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी होंगी। सर्वप्रथम जो मुझे देखने को मिली उसका … Read more

शकील साहब गुजरात के साथ मधुबनी का नाम भी लेते तो अच्छा रहता

-संजीव पांडेय- कांग्रेस के तीसमार खां नेता अपने ही खेल में फंसते है। एकाएक राष्ट्रीय पटल पर आए शकील अहमद अब दूसरे दिग्विजय सिंह बनने कोशिश में है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए आपा खो देते है। ताजा मामला इंडियन मुजाहदीन को लेकर है। इंडियन मुजाहदीन का गठन गुजरात दंगो के बाद हुआ था। यही … Read more

चल सको तो चलो !

राह् में मुश्किल हैं बहुत, चल सको तो चलो, राह् में भीड़ है बहुत, चल सको तो चलो, राह-मंज़िल देता नहीं कोई, बढ़ सको तो बढ़ चलो, राह अपनी बना सको यदि, चल सको तो चलो ! राह् में मुश्किल आयेंगी बहुत, चल सको तो चलो, राह-जिंदगी में ख्वाब हैं बहुत, चल सको तो चलो, … Read more

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