राष्ट्रवाद की खातिर संविधान को ताक पर रखने में क्या ऐतराज है?

ऐसा लगता है कि भारत के संविधान निर्माताओं से एक गलती हो गई। उन्हें संविधान में यह भी लिख देना चाहिए था कि अगर देश हित का मुद्दा हो तो संविधान को तोडऩे-मरोडऩे में कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। उनकी इसी गलती का परिणाम ये है कि कश्मीर में धारा 370 व 35 ए हटाने … Read more

क्या भाजपा का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना कभी साकार हो पाएगा?

यह एक सर्वविदित सत्य है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दूसरे कार्यकाल के आखिरी दिनों तक जब प्रमुख विपक्षी दल भाजपा अपनी भूमिका में पूरी तरह से नाकामयाब रहा, तब समाजसेवी अन्ना हजारे का आंदोलन खड़ा हुआ। वह इतना प्रचंड था कि कांग्रेस की जड़ें ही हिला कर रख दीं। अन्ना हजारे की गलती ये … Read more

मीडिया अब भी हमलावर है कांग्रेस पर

हमने पत्रकारिता में देखा है कि आमतौर पर मीडिया व्यवस्था में व्याप्त खामियों को ही टारगेट करता था। सरकार चाहे कांग्रेस व कांग्रेस नीत गठबंधन की या भाजपा नीत गठबंधन की, खबरें सरकार के खिलाफ ही बनती थीं। वह उचित भी था। यहां तक कि यदि विपक्ष कहीं कमजोर होता था तो भी मीडिया लोकतंत्र … Read more

अफसोस कि पत्रकारिता के इतने निकृष्ट दौर का मैं गवाह हूं

गुुरुवार को एबीपी न्यूज चैनल पर चल रही एक बहस देखी। उसे देख कर बहस की एंकर रुबिका पर तो दया आई, मगर खुद आत्मग्लानी से भर गया। पत्रकारिता का इतना मर्यादाविहीन और निकृष्ट स्वरूप देख कर सहसा विश्वास ही नहीं हुआ कि एक प्रतिष्ठित न्यूज चैनल पर अनुभवहीन युवति को कैसे एंकर बना दिया … Read more

इन्हीं महारानी ने कभी बाबोसा को भी हाशिये पर खड़ा कर दिया था

ऐसी जानकारी है कि रविवार, 16 जनवरी को जयपुर में हुई प्रदेश भाजपा कार्यसमिति की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की भूमिका अन्य नेताओं की तुलना में कमतर नजर आई। हालांकि वे अब राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दी गई हैं, मगर ऐसा प्रतीत हुआ, मानो वे हाशिये की ओर धकेली जा रही हों। उनमें … Read more

जीत के लिए भाजपा को नैतिकता ताक पर रखने की सलाह

आज जब कि देश लोकसभा चुनाव की दहलीज में प्रवेश कर चुका है तो भाजपा एक बार फिर सत्ता हासिल करने के लिए नरेन्द्र मोदी ब्रांड के ही भरोसे है। जो किसी जमाने में इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा के जुमले पर तंज कसते हुए व्यक्तिवाद पर हमला करते थे, वे ही आज व्यक्तिवाद … Read more

स्थानीयवाद का मुद्दा कितना दमदार?

आसन्न लोकसभा चुनाव में अजमेर संसदीय क्षेत्र तीन लोक से मथुरा न्यारी की कहावत को चरितार्थ कर रहा है। न्यारी इस लिहाज से कि संभवत: अजमेर ही ऐसी सीट है, जहां कि ये पंक्तियां लिखे जाने तक नित नाम दावेदारों के नाम सामने आ रहे हैं। सिलसिला कहीं तो थमे। दोनों पार्टियों में सीमित स्थानीय … Read more

सर्जिकल स्ट्राइक टू पर सवार हो कर ताजपोशी चाहते हैं मोदी

-तेजवानी गिरधर- एक अनुमान पहले से था कि नोटबंदी व जीएसटी की नाकामी और चुनावी वादे जुमले साबित होने के बाद दुबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए मोदी कोई न कोई खेल खेलेंगे। कुछ को आशंका इस बात की भी थी कि इसके लिए वे पाकिस्तान से छेडख़ानी भी कर सकते हैं। हालांकि पाकिस्तान … Read more

राजनीति के क्षितिज पर प्रियंका की एंट्री से सनसनी

-तेजवानी गिरधर- जब से प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में कांग्रेस महासचिव की हैसियत से आई हैं, राजनीतिक हलकों में सनसनी सी फैल गई है। विशेष रूप से सोशल मीडिया पर जिस तरह से प्रियंका को निशाने पर लेकर बहसबाजी की जा रही है, उससे ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने भले ही नरेन्द्र मोदी … Read more

वसुंधरा के हटते ही भाजपा में बिखराव?

राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा की पराजय के बाद पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना कर राजस्थान की राजनीति से साइड करने से भाजपा में बिखराव की नौबत आ गई दिखती है। हालांकि बिना किसी हील हुज्जत के जब वे उपाध्यक्ष बनने व धुर विरोधी गुलाब चंद कटारिया को विधानसभा में नेता … Read more

मोदी की वजह से निपटी वसुंधरा

हाल ही संपन्न विधानसभा चुनाव में हालांकि मोटे तौर पर यही माना जा रहा है कि वसुंधरा राजे की सरकार नाकामियों के कारण हार गई या फिर एंटी इन्कंबेंसी फैक्टर ने काम किया, मगर बारिकी से देखा जाए तो इसकी वजह रही नरेन्द मोदी सरकार की आर्थिक नीतियां और जनता से की गई वादा खिलाफी। … Read more

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