क्‍या करें क्‍या न करें 18 , 19 और 20 अप्रैल को ?

मेष लग्नवालों के लिए 18 , 19 और 20 अप्रेल को  किसी कार्यक्रम में माता पक्ष का भी महत्व दिख सकता है, वाहन या किसी प्रकार की छोटी या बडी संपत्ति को प्राप्त करने के लिए मेहनत जारी रहेगी।  धन की स्थिति मजबूत होगी , इसे मजबूत बनाने के कार्यक्रम भी बनेंगे। संपन्न लोगों से … Read more

हम सार्थक ढंग से बाबा अम्बेदकर जयंती मनाना सकते हैं

हमारे देश में प्राचीन काल से जो दर्शन मौजूद है इसकी सबसे बडी शक्ति इसका लचीलापन है। कुछ भी विचार , जो ईश्वर, समाज या राजनीति से सम्बन्धित है, इसके दर्शन का अंग बन सकता है। सभी महापुरूषों के विचारों को सुनना , अमल करना यहां के लोगों का स्‍वभाव है। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र … Read more

महान संत कंवरराम साहिब

जयंती, 13 अप्रैल पर विशेष भारत का आकाश अनेक भक्तों से भरा पड़ा है। इनमें से एक उज्ज्वल नक्षत्र की भांति सदा चमकते संत कंवरराम की महिमा अपरम्पार है। वे समर्पित भाव से सुर साधना में लगे रहे। जैसा कि हर मनुष्य का अधिकार है कि वह अपने अन्तर आलोक को उपलब्ध होकर आत्मिक आनन्द … Read more

तप त्याग जी मूर्ति संत कंवरराम

संत कंवरराम साहिब जो जनमु सिंधु ( हाणे पाक में ) जे सक्खर जिले जे मीरपुर माथेलो तहसील जे जरवार गोठ में 13 अप्रैल 1885 वैशाखीअ डिहुं थिओ हो। माता तीर्थबाई ऐं पिता ताराचंद संतोषी ऐं संस्कारवान हुआ। गरीबीअ में बि भगवत भजन कंदे संतोष सां गुजर कनि पया। तीर्थबाई संत खोतराम साहिब जी शेवा … Read more

चंङाई कमायो, खीर-खंडु थी अगिते वधो

चेटीचंड पर्व चंङाई कमाइण जो संदेश डई रह्यो आहे। सवनि वरियहनि खां। सिंधी समाज जे आराध्य झूलेलाल जो इओ संदेश बि आहे। खीर-खंडु थी गडुजी करे अगिते वधो। तकरीबनि 1060 वरियह अगु जडहिं सिंधु प्रदेश (हाणे पाकिस्तान में) में मिरख बादशाह जो अत्याचार हिंदुनि ते वधी वयो तडहिं सभिनी पंचायतूनि गडुजी करे वरुणदेव जी उपासना … Read more

अकेले सिंधी को ही है दो लिपियों की मान्यता

सिंधी दिवस, 10 अप्रैल पर विशेष सिंधी भाषा की लिपि को लेकर लंबा विवाद चला है और आज भी इसको लेकर विवाद होता रहता है। सिंधी किस लिपि में लिखी जाए, इसको लेकर सिंधी लेखकों व साहित्यकारों में दो धड़े हो चुके हैं। ये दोनों ही धड़े सिंधी भाषा को संविधान में मान्यता दिए जाने … Read more

कालगणना दिन दिनांक की शुष्क गणना नहीं है

-हनुमान सिंह- कालगणना दिन दिनांक की शुष्क गणना नहीं है। काल गणना विचार का आधार है। विचार के तीन आयाम हैं-भूत, वर्तमान, भविष्य। काल के बिना इन तीनों आयामों का विभाजन संभव नहीं है। भूत हमारा इतिहास है, वर्तमान इसका परिणाम है-खगोल, भूगोल की दशा है तथा भविष्य इसकी दिशा है, गंतव्य, प्राप्तव्य की आकांक्षा … Read more

बिन पानी सब सून

विश्व जल दिवस पर विशेष मनुष्य के जीवन में पानी का बहुत महत्व है। यजुर्वेद में भी इसका उल्लेख है। मनु स्मृति में सृष्टि के प्रारम्भ का उल्लेख इस तरह है-सर्वत्र पानी ही पानी था। यहां तक कि हिमालय की ऊंचाई 29000 फीट तक पानी होने की बात कही जाती है। इसी तरह बाइबिल में … Read more

ब्राजिल के विश्व प्रसिद्ध कार्निवाल सी डीडवाना की होली

नागौर जिले के डीडवाना कस्बे की अनूठी होली आगामी 27 मार्च को दोपहर बारह बजे से शाम साढे छह बजे तक मनाई जाएगी। आइये जाने यहां होली कैसे मनाई जाती है:- यू तो भारत भर में होली का त्योंहार अलग अलग तरह से मनाया जाता है जिसमें बरसाना व बृज की होली पूरे भारत में … Read more

शिव-पार्वती का सम्मिलित रूप हैं अर्धनारीश्वर

पुरातन काल में तत्ववेत्ताओं ने शिव और पार्वती के एक सम्मिलित रूप की कल्पना की, जिसमें आधा शिव और आधा पार्वती, दोनों भाग मिलकर एक पूर्ण व्यक्ति बनता है, जिसे अर्धनारीश्वर कहा गया। स्त्री-पुरुष का भेद समझने के लिए अर्धनारीश्वर रूपी भगवान शिव की महिमा को समझना होगा। स्त्री पुरुष की पूरक है और पुरुष … Read more

भगवान शिव ने ज्ञान दिया था मनु पुत्र नभग को

मनु के सबसे छोटे पुत्र का नाम नभग था। भगवान शिव ने उन्हें ज्ञान प्रदान किया था। मनु पुत्र नभग बड़े ही बुद्धिमान थे। जिस समय नभग गुरुकुल में निवास कर रहे थे, उसी बीच उनके इक्ष्वाकु आदि भाइयों ने नभग के लिए कोई भाग न देकर पिता की सारी सम्पत्ति आपस में बांट ली … Read more

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