न बिल्ली तकना छोडे, न भैँस चबाना छोडे

अपने एक केन्द्रीय मँत्री हैं ,डा महेश शरमा।अन्गे्जो औऱ मुगलो के पहनावे औऱ खाने पीने का ध्यान रखने का महकमा उन्हें ,सौपा गया है।खुराफात भी तो ईन्सानी फितरत मे शामिल है। अपने आडे तिरछे बयानों से सरकार औऱ पाटी को विवादों मे बनाए रखने वाले डा. साहेब ने कुछ दिन पहले एक गुगली औऱ डाल … Read more

झाडू की व्यथा-कथा

़जी हॉ मैं झाडू हॅू , वही झाडू जो आपके मोहल्ले की गंदगी साफ कर आपको वर्षो से स्वच्छ एवं स्वस्थ्य रखते आई हूॅ । आप जानते हो इसके बाद भी मैं सदा अच्छूत ही रही । मुझे गलती से भी छूने वाला,पहले नहाया फिर एंटीसेप्टिक क्रिम लगाया उसके बाद ही घर में प्रविष्ट हुआ। … Read more

अमर चित्र बन रही स्वच्छता

बीकानेर; 1/9/2016 ( मोहन थानवी )। ऐतिहासिक; पौराणिक कथाएं तो कामिक रूप में पढ़ी-पढ़वाई जाती हैं; अब तैयारी है सफाई का महत्व बताने वाली चित्र कथाओं के प्रकाशन की। ऐसी तैयारी की है केन्द्र सरकार ने और पर काम भी शुरू कर दिया गया है। ऐसी कामिक्स 32 पेज की छापी जाएगी और उसे घर … Read more

सुपात्रता हेतु षपथ-पत्र

़मै षपथपूर्वक आवेदन देता हॅू कि मैने समाज के बिगडेल युवकों को एक छत के नीचे विदेषी वाईन का बहिष्कार कर स्वदेषी नारे के तहत देषी दारु पीने की व्यवस्था की है, इस लिए मै सर्वोच्च सम्मान का हकदार हॅू।मुझे सम्मानित किया जावे ? मैं सहर्ष यह भी षपथपूर्वक लिखता हॅू कि मैं सार्वजनिक क्षेत्र … Read more

उम्मीद और उन्माद का द्वंद्ग

काल के कपाल पर हस्ताक्षर करने की त्वरा समय के सच को नकार कर अपना समय जीना चाहती है। किन्तु इन सबसे आगे बढ़कर स्वम को समय से बड़ा मानते हुए इतिहास रचने की जिद कभी- कभी इतिहास बनने की शुरुवात भी होती है। इतिहास हमे सिखाता है ,बताता है कि हमने अपना देश रूपी … Read more

चुनाव सुधार की अच्छी पहल

केन्द्र सरकार के इस फैसले के दूरगामी परिणाम होँगे कि भविष्य मे चुनावों की मतगणना के दौरान ये पता नहीं चल सकेगा कि उम्मीदवार को किसी क्षेत्र या बूथ से कितने वोट मिले हैं। इससे न सिर्फ राजनीतिक दुश्मनी बँद होगी, बल्कि जीते हूए उम्मीदवारोँ द्वारा किसी इलाके से कम वोट मिलने पर वहां विकास … Read more

कैसे हो पाएगा स्वच्छ भारत का सपना पूरा?

स्वच्छ भारत मिशन अभियान। अपन भूले तो नहीं? कैसे भूलेंगे… अफसरों से लेकर मंत्रियों तक ने हाथों में झाड़ू हाथ में लेकर खूब फोटो सेशन करवाए थे। है कि नई..। भई वो तो थे शुरुआती दिन…। कलेक्टर्स तक इस अभियान को सफल बनाने और नंबर वन बनने की होड़ में जुट गए थे। इसके लिए … Read more

… जीत मे तब्दील की जा सकती है, मिली हुई हार भी, आस्था, धैर्य और विश्वास के बल पर

मशहूर साहित्यकार शेख्सपीयर कहते हैं, – ” वे लोग निर्धन हैं, जिनके पास धैर्य नहीं है।” रामायण के रचनाकार, तुलसीदास जी ने एक स्थान पर लिखा है, – ” धीरज ,धरम, मित्र अरु नारी/आपद काल परखिये चारी। अर्थात जीवन में जब कठिन हालात हों तभी व्यक्ति को स्वयं के धैर्य, कर्तव्य, साधना और जीवन साथी … Read more

इन बयानों का मतलब क्या?

क्या विदेशी महिला पर्यटकों के स्कर्ट नहीं पहनने से उनकी सुरक्षा हो जाएगी? क्या बीफ खाने से खिलाड़ी गोल्ड मैडल जीत सकते हैं? दोनों ही बातें आपको हास्यास्पद और बचकानी लगेगी, लेकिन अफसोसजनक है कि ये बचकाना बयान हमारे देश के माननीय मँत्री और साँसद के हैं और दोनों ही उस सत्तारूढ़ भाजपा के हैं, … Read more

कौन हो तुम मेरे

रोज़ यही सवाल पूछता है मेरा मन कौन हो तुम मेरे डरती भी हूँ रोज़ाना वही रात फ़िर आएगी घूरती निगाहें तुम्हारी मेरी सम्पूर्ण देह को भेदती हुई… अनादिकाल से तुम्हारा और मेरा एक ही रिश्ता रहा मर्द और औरत का सिर्फ जिस्म से जिस्म का पुरुष के लिए नारी सिर्फ भोग्या रही सिर्फ शारीरिक … Read more

शहीद-ए-आज़म अल्ताफ़ डार कश्मीरी आतंकवादियों के ख़िलाफ़ मौत का परवाना थे

मैं दर्द में डूबी हुई इस सच्ची तहरीर की शुरुवात ग़ालिब के उस मशहूर शैर से करना चाहता हूँ जिसमें उन्होंने कहा है कि “याद कर के मिन जुमला ओ खासाना मुझे बरसो रोया करेंगे जाम ओ पैमाना मुझे ” आज जब कश्मीर धधक रहा है, इंसानियत कराहा रही है,बर्फीली वादियों से ठन्डे बादलों की … Read more

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