क्षमा वाणी हिंदी की जुबानी

जी, हाँ! मैं हिंदी की कविता हूँ। क्षमा- वाणी पर्व पर अपने अपराधों, पापों के लिए क्षमा मांगती हूँ। कविता और अपराध ! ये युग्म विचलित करता है। इसका साकार रूप पीढ़ियों को गूंगा कर सकता है किन्तु स्वम दर्पण होने के दर्प को दर्पण दिखाने के लिए क्षमा मेरी जरुरत है। मैं संस्कृत के … Read more

क्या अब कम बोलेंगे केजरीवाल

बैंगलुरू के डॉक्टरों का शुक्रिया। उन्होने उस राष्ट्रीय समस्या का समाधान ढूंढ लिया,जिससे पूरा देश परेशान था। उन्होंने ये पता लगा लिया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इतना ज्यादा और फालतू क्यों बोलते थे। जब किसी की जीभ ही लंबी होगी,तो जाहिर है की वह ज्यादा ही बोलेगा। वो कहते भी है ना की … Read more

राज कैसे करें

दोे -नेता आमने सामने की लड़ाई पर उतारु हो गए। जंग जीतने के लिए महाभारत की तरह भगवान कृष्ण के पास षक्ति लेने जाना संभव नहीं था । अतएव मंत्रीजी के पास पहॅुच गए। प्रातः11 बजे मंत्रीजी की नींद खुलते ही,उन्होंने पूछा – क्या चाहिए ? दोनों ने ही एक साथ कहा – जंग लड़ने … Read more

लोकतंत्र मे ये क्या

बिहार मे एक अपराधी के कारण सरकार और गठबंधन दाव पर है। उत्तर प्रदेश मे जनता को भूलकर उस परिवार के सदस्य सत्ता पर कब्जे की लडाई मे उलझे हैं, जिनका पूरा कुनबा सत्ता से जुडा है। तमिलनाडु और कर्नाटक मे पानी आग लगा रहा है। दिल्ली मे मच्छर सरकार donde puedo comprar viagra en … Read more

क्या गणपति विसर्जन घर में करना शास्त्रोक्त सही है ?

इस साल गणेश विसर्जन के लिए एक सोचा समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है कि गणेश विसर्जन घरो में ही किसी पात्र में करके उस पर तुलसी का पौधा लगावे। तो कृपया पढ़े-लिखे(?) *प्रबुद्धजन निम्न शास्त्रोक्ति पर जरूर पूर्ण गम्भीर्यता से विचार करें* – *”नार्चयेदक्षतेर्विष्णु, न तुलस्यागनाधिपम।* *न दुर्व्ययजेद्देवी, बिल्वपत्रें न भास्करं।* अर्थात, *विष्णु को … Read more

शिक्षा से जुड़े सवालों के मायने

नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने तब से एक नये युग के आरंभ की बात कही जा रही है। न जाने कितनी आशाएं, उम्मीदें और विकास की कल्पनाएं संजोयी गयी हंै और उन पर न केवल देशवासियों की बल्कि समूचे विश्व की निगाहें टिकी हुई है। हाल ही में देश के विकास में तेजी की … Read more

कलह को शांति में बदलने के लिये परस्पर सोहार्दपूर्ण संवाद प्रारम्भ करें

आम तोर पर देखा गया है कि कुछ कार्यालयों में अधिकारीयों एवं अधीनस्थ सहकर्मीयों के बीच पारस्परिक रिश्ते बेहद तनावपूर्ण बन जाते हैं | ऑफिस में सम्बन्ध तनावपूर्ण क्यों बन जाते हैं ? इस बारे में शोधार्थियों ने कई सर्वे और शोध किये हैं | सर्वों के निष्कर्षों में यही तथ्य सामने आया कि जीवन … Read more

मिलावट तो हर क्षेत्र मे हैं

बाबा रामदेव के उत्पादों के विज्ञापन देखकर लगता है हम लोग सालों से भगवान भरोसे जी रहे थे। आटा, तेल,बिस्कुट,साबुन,टूथपेस्ट, शहद, टमाटर साँस सहित खाने-पीने-नहाने-जीने के पँतजलि के अलावा दूसरी कम्पनियों के उत्पादों मे अप्रत्यक्ष रूप से मिलावट बताई जा रही है। यानि चँद साल पहले पँतजलि का सामान आने से पहले देश के लोग … Read more

सभ्यता से बर्बरता की तरफ बढ़ने के आंसू

हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में चैंकानेवाले तथ्य सामने आये हैं, जो नैतिक एवं चारित्रिक मूल्यों के घोर पतन को बयां करते हैं। इस रिपोर्ट में यह कहा जाना कि दिल्ली में दुष्कर्म के 90 फीसद से अधिक मामलों में आरोपी पीड़ित के परिचित या पारिवारिकजन ही होते हैैं, नये … Read more

कानून से कामेडी नहीं चलेगी

अपने देश मे एक कल्चर पैदा हो गया है। यहां सेलेब्रिटी अपने को कानून से ऊपर समझते हैं। नेता,अभिनेता, उद्योगपति,खिलाड़ी को लगता है कि उनके कामों और सेवाओं के बदले उन्हें कुछ भी करने का हक मिल गया है। जबकि उनके काम और सेवाएं समाज के हित से ज्यादा खुद की कमाई और हित मे … Read more

गुरु साक्षात परम ब्रह्मतस्मै श्री गुरुवे नमः

अभी कुछ ही दिन गुज़रे हैं जब “शिक्षक दिवस” मनाया गया. इस अवसर पर बधाइयों का सिलसिला और जश्न ,बदस्तूर प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी दिखाई दिया. क्यों ना आज हम कुछ जमीनी हकीकत से भी जुड़ जाएँ. उदाहरण के तौर पर कुछ गुजिश्ता यादें हैं जिन में से तीन मैं साझा कर … Read more

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