गेस्ट-रायटर
” ले चल रे मन बचपन की ओर ”
सुरति के मोखों से मैंने झाँका तेरे अस्तित्व को मैंने अमूल्य आँका सोया बचपन चिरनिन्द्रा से फिर से जागा अठखेलियाँ करते-करते तेरे पीछे भागा विकल लोचन दृगअम्बु से स्निगध हो गये अदभुत दृश्य से अवनी मुह्मामानी हो गई एहसास हुआ अम्बा का अंक और परस हो जैसे संपोषित,मृदुला सरस रव आ रहा सद्म से हो … Read more
रिष्तों के बिना मनुष्य जीवन का कोई मौल नहीं
रिष्तों के बिना मनुष्य जीवन का कोई मौल नहीं है। रिष्तें नहीं तो मानव और पषु में कोई भेद नहीं रहता। मनुष्य जन्म लेता है और रिष्तें की डोर में बंधता है, जो मृत्यु के बाद भी नहीं छुटता और पूर्वज के नाम से अगली पीढ़ी से जुड़ जाता हैे। शायद यही कारण है कि … Read more
माया मृग की हिंदी रचना का देवी नागरानी द्वारा सिंधी अनुवाद
मूल लेखक: माया मृग बूढ़ी औरतें बूढ़ी औरतें मंदिर सिर्फ धर्म-कर्म के लिए नहीं जातीं मंदिर जाती हैं क्योंकि वे कहीं नहीं जातीं …! ईवनिंग वॉक पर निकली बूढ़ी औरतें अपनी पीढ़ी की विद्रोहिणी औरतें हैं उनका होना, सड़क पर होना विद्रोह है, भले ही उनके हाथ में ना कोई झंडा है ना हवा में … Read more
” विश्रांत राही “
जीवन पथ पर चलते -चलते राही स्वयं की परिस्थितियों से थक जाता है तभी उसे आशा की किरण के रूप में जीवन साथी का सानिध्य प्राप्त होने वाला होता है तब थका राही किन -किन ख्वाबो को पूर्णता की आशा के संग उसके समक्ष रखता है ” विश्रांत राही “उन ख्वाबो को सुन्दर लफ्जो के … Read more
अगर दुनियाबी चीज़ों की चाहत है तो काहे के सूफी
बेशक इस में कोई शक नहीं की इस्लाम की रूह बस्ती है सूफिज्म में ,लेकिन सूफी क्या है और कैसे होने चाहिए ये भी एक बोहुत गंभीर सवाल है वाकई अगर सूफी और सूफिज्म को देखना और समझना है तो समझो हजरत ख्वाजा गरीब नवाज़ र.अ ,हज़रत निजामुद्दीन औलिया र.अ हज़रत बाबा फरीद गंजे शकर … Read more
ये कैसी होली……..
रंगो का त्यौहार है होली, भाईचारे के पहचान है होली, दोस्तों और परिवार के साथ रंगो का त्यौहार है होली, और सब से बड़ी बात मेरा मनपसंद त्यौहार है होली. जिस वक़्त से होश सम्भाला तब से मेरी होली 2 दिन की होती थी एक जिस दिन जलती थी यानि की “होली” और दूसरे दिन … Read more
आरक्षण विवाद पर हरियाणा के मुख्यमंत्री को योगेन्द्र यादव का एक रचनात्मक सुझाव
श्री मनोहर लाल मुख्यमंत्री, हरियाणा सरकार चंडीगढ़ विषय : “जाट आरक्षण” के सवाल पर एक रचनात्मक सुझाव आदरणीय मनोहर लाल जी, 1. इस पत्र के माध्यम से मैं आपको प्रदेश के एक महत्वपूर्ण, कठिन और नाजुक सवाल पर अपना सुझाव दे रहा हूं। पिछले दिनों सद्भाव मंच के साथियों के साथ मैंने प्रदेश के सभी … Read more
विम्मी सदारंगानी की सिंधी रचना का देवी नागरानी द्वारा हिंदी अनुवाद
मूल : विम्मी सदारंगानी 1. माँ ऐं तूँ कड़हिं गडु-कोन हल्यासीं रस्ते ते हलन्दे तूँ अगियाँ अगियाँ जणु को धनारु ऐं पुठियाँ नोडीअ सां बधल कहिं गाइं वंगुर माँ ! 2. तुमने कहा मुझे छोड़ दो और… और…. मैंने तुम्हारा हाथ ज्यादा मजबूती से थाम लिया था हिन्दी अनुवाद : देवी नागरानी 1. मैं और … Read more
क्या गुजरात के बाद हरयाणा भी प्रयोगशाला है
हमें यह सुन कर कोई आश्चर्य नहीं हुआ कि हरियाणा केमुख्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर अब अपने नाम के साथ “खट्टर” शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहते यह तो होना ही था क्योंकि नागपुर के वैज्ञानिकों की प्रयोग शाला का प्रोजेक्ट स्वयं -के-सेवक हरयाणा में सफल नहीं हो सका है ? क्योंकि जाट बहुल … Read more